वस्त्र और विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को व्यापक रूप से गलत समझा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पारदर्शिता, सुशासन और जनहित सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक सुधार-संचालित पहल है। आइजोल में उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को मजबूत करने तथा देश भर में समुदायों के उत्थान के लिए पारित किया गया था।
उन्होंने कहा कि 31 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने पांच वर्षों की अवधि में 7,772 याचिकाओं का अध्ययन किया। समिति ने 38 बैठकें कीं तथा 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, 5 अल्पसंख्यक आयोग तथा 20 सांसद, विधायक और एमएलसी सहित 284 हितधारकों से परामर्श किया। संसद में पारित होने से पहले विधेयक पर 25 घंटे से अधिक समय तक बहस हुई।
मिजोरम वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के संयोजक लालरिनलियाना सैलो ने सभी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बल देत्ते हुए कहा कि वक्फ की अवधारणा सभी धर्मों में सामाजिक सद्भाव और समानता को बढ़ावा देती है।