केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की छह हजार चार सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में 3 हजार 63 करोड़ रुपये की लागत से कोडरमा-बरकाकाना रेल लाइन का दोहरीकरण तथा 3 हजार 342 करोड़ रुपये की लागत वाली बेल्लारी-चिकजाजूर रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है।
नई दिल्ली में बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 133 किलोमीटर लंबी कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण परियोजना से 938 गांवों के 15 लाख से अधिक लोगों को बेहतर पहुंच मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं झारखंड के कोडरमा, चतरा हजारीबाग और रामगढ़ जिले को जोड़ेंगी। श्री वैष्णव ने बताया कि परियोजना का यह हिस्सा झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरेगा।
श्री वैष्णव ने कहा कि 185 किलोमीटर लंबी बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण लाइन मैंगलोर बंदरगाह को सिकंदराबाद से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना कर्नाटक के बल्लारी और चित्रदुर्ग तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से होकर गुजरती है। श्री वैष्णव ने कहा कि यह परियोजना लौह अयस्क, कोकिंग कोल, तैयार इस्पात और उर्वरकों के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगी।
श्री वैष्णव ने कहा कि ये परियोजना तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी। झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों में ये दो परियोजनाएं रेलवे के वर्तमान नेटवर्क को लगभग 318 किलोमीटर तक और बढ़ाएंगी। इन परियोजनाओं से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा में सुधार होगा। इससे एक हजार चार सौ से अधिक गांवों की 28 लाख से अधिक आबादी को फायदा होगा।
इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 108 लाख मानव दिवसों के लिए रोजगार सृजित होंगे। श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान परिवहन और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए चार लाख 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन में किए गए निवेश के कारण लॉजिस्टिक्स लागत में चार प्रतिशत की कमी आई है।