इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अपर सचिव अभिषेक सिंह ने आज कहा कि भारत की एआई रणनीति का उद्देश्य स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का निर्माण करना, एआई को भारत के लिए काम करने योग्य बनाना और एआई अनुप्रयोगों का निर्माण करना है, जो वास्तव में जिम्मेदार, सुरक्षित और भरोसेमंद हैं।
नई दिल्ली में एआई तैयारी मूल्यांकन पद्धति पर यूनेस्को के हितधारकों के साथ परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि एआई प्रौद्योगिकियों को आम लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहिए और अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।
एआई विनियमों और रूपरेखा के बारे में श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण उपयोगकर्ता को होने वाले नुकसान को रोकने के उद्देश्य से नवाचार के पक्ष में रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वाग्रह का पता लगाने के उपकरण विकसित करने के लिए भारत एआई मिशन के सुरक्षित विश्वसनीय स्तंभ के तहत काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार डीप फेक का पता लगाने के उपकरणों पर काम कर रही है।