केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा है कि सरकार ने पिछले दस वर्षों में मछुआरों के कल्याण के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि इन उपायों से देश में मछली उत्पादन और मछुआरों की आय बढ़ाने में मदद मिली है। केंद्रीय मंत्री आज लोकसभा में मछुआरा समुदाय की समस्याओं पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे।
श्री सिंह ने कहा कि मत्स्य उत्पादन में देश दूसरे स्थान पर है। मत्स्य पालन क्षेत्र की वृद्धि के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग बनाया और देश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई। केंद्र ने देश में मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष बनाया है।
उन्होंने सदन को बताया कि देश में मछली उत्पादन में जबर्दस्त वृद्धि हुई और यह वर्ष 2013-14 के 95 लाख मीट्रिक टन से बढकर 184 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
इससे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस पार्टी सदस्य के सी वेणुगोपाल ने मछुआरा समुदाय की कम आय का उल्लेख किया। पार्टी के एक अन्य सदस्य शशि थरूर ने कहा कि केरल में मछुआरे पकड़ने के लिए बंदरगाह की लगातार मांग कर रहे हैं। डीएमके सदस्य टी आर बालू ने श्रीलंका के अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों की हिरासत का मुद्दा उठाया।