देश में इमारतों की छतों पर लगे पैनलों से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने जा रही है जो अगले वित्तीय वर्ष तक अनुमानित 25 से 30 गीगा वाट तक पहुँच जाएगी। यह विस्तार देश के व्यापक ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों से प्रेरित है, जिसमें सौर ऊर्जा देश के स्वच्छ ऊर्जा कार्ययोजना में एक केंद्रीय स्तंभ के रूप में उभर रही है।
केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आगामी वक्त में देश के वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र के विकास में छतों पर पैनलों से प्राप्त सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 तक कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 220 गीगा वाट तक पहुँचने और 2030 तक 300 गीगा वाट के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय सौर क्षमता लक्ष्य के साथ, छतों पर आधारित प्रणालियाँ-विशेष रूप से वाणिज्यिक और औद्योगिक (सीएंडआई) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
सरकार द्वारा की गई पहल, नेट मीटरिंग जैसी नीतिगत सहायता, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और सौर प्रौद्योगिकी की घटती लागत के कारण छत पर सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा मिल रहा है।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना से लाभ मिलता है जिसका लक्ष्य एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाना है और इसके लिए 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।