पंजाब सरकार ने हरियाणा को उसके हिस्से से अधिक पानी नहीं देने का फैसला किया है। हालांकि, पंजाब ने मानवीय आधार पर हरियाणा को जो चार हजार क्यूसेक पानी दिया है, वह जारी रहेगा। पानी के मुद्दे पर आज विधानसभा के विशेष सत्र में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।
इससे पहले, पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विशेष सत्र के दौरान प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा ने बीबीएमबी के पुनर्गठन और बोर्ड को बैठक बुलाने के लिए निर्धारित नियमों का पालन करने का निर्देश दिया।
पंजाब से बहने वाली रावी, सतलुज, ब्यास नदियों के पानी के बंटवारे पर एक नया समझौता करने का भी फैसला किया गया और बांध सुरक्षा अधिनियम-2021 को रद्द करने की मांग की गई।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य के जल संसाधनों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के महत्वपूर्ण मिशन में उसे समर्थन देने का वादा किया। विधानसभा ने पहलगाम आतंकी हमले पर एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया तथा केंद्र और राज्य सरकार से अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की।