ओडिशा के तीर्थ स्थल पुरी में आज सुबह भगवान जगन्नाथ, बलभ्रद और देवी सुभद्रा की देव स्नान पूर्णिमा का उत्सव विधि-विधान से शुरू हुआ। स्नान पूर्णिमा उत्सव से ही भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ होता है। देव स्नान पूर्णिमा का आयोजन ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को होता है। ओडिशा के लोगों के लिए इसका बहुत अधिक महत्व है। इस दौरान देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का एक सौ आठ कलशों के पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है। इसके बाद गजानन वेष में उनकी सज्जा की जाती है। देव स्नान पूर्णिमा का समापन देव-प्रतिमाओं को पहंडी के अंसार घर ले जाए जाने के बाद होता है। मान्यता है कि अभिेषेक और स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं और 15 दिन तक किसी को दर्शन नहीं देते। दो सप्ताह विश्राम के बाद श्री गुंडिचा मंदिर की रथ यात्रा से एक दिन पहले नेत्रोत्सव के अवसर पर वे लोगों को दर्शन देते हैं।
Site Admin | जून 11, 2025 8:43 पूर्वाह्न
ओडिशा: पुरी में विधि-विधान से शुरू हुआ भगवान जगन्नाथ, बलभ्रद और देवी सुभद्रा की देव स्नान पूर्णिमा का उत्सव
