राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद-एन.सी.एस.एम. को कोलकाता के साइंस सिटी में अपनी जलवायु परिवर्तन गैलरी “ऑन द एज” के लिए प्रतिष्ठित सी.आई.एम.यू.एस.ई.टी. पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार की घोषणा दुबई में 27वें आई.सी.ओ.एम. महाधिवेशन के दौरान की गई, जो भारत के विज्ञान संग्रहालय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत परिषद की कोलकाता इकाई, साइंस सिटी ने जलवायु परिवर्तन की तात्कालिक वास्तविकताओं को संबोधित करने के लिए दस हजार वर्ग फुट की स्थायी गैलरी बनाई है। यह गैलरी वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को मूर्त रूप देती है और वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप है।
सी.आई.एम.यू.एस.ई.टी. पुरस्कार समिति के अध्यक्ष जैकब थोरेक जेन्सेन ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि “ऑन द एज” दर्शाती है कि विज्ञान संग्रहालय किस प्रकार परिवर्तन के वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
एन.सी.एस.एम. के महानिदेशक श्री ए. डी. चौधरी ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह पुरस्कार जीतना ऐसे संग्रहालय बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को पुष्टि करता है, जो एक स्थायी भविष्य के लिए जागरुकता और सामूहिक प्रयास को प्रेरित करते हैं।
एन.सी.एस.एम. के उप महानिदेशक और साइंस सिटी, कोलकाता के पूर्व निदेशक श्री अनुराग कुमार ने क्यूरेटर, डिजाइनरों और तकनीकी टीमों के समर्पण और रचनात्मकता की सराहना की।
इस गैलरी का उद्घाटन 11 जनवरी, 2025 को भारत सरकार के केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया था। इसके उद्घाटन के बाद से, दस लाख से अधिक आगंतुक इस सुविधा का अनुभव कर चुके हैं।
साइंस सिटी, कोलकाता के निदेशक श्री प्रमोद ग्रोवर ने बताया है कि गैलरी में इमर्सिव प्रदर्शनियां, संवर्धित तथा आभासी वास्तविकता के अनुभव और एक इंटरैक्टिव एलईडी दीवार शामिल है, जो जलवायु प्रभावों, अंतर्निहित कारणों और व्यावहारिक समाधानों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करती है।
आई.सी.ओ.एम. द्वारा समर्थित, सी.आई.एम.यू.एस.ई.टी. पुरस्कार उत्कृष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी संग्रहालयों तथा केंद्रों को सम्मानित करता है, जो सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं। संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत विकास एजेंडे पर आधारित, यह उन नवीन परियोजनाओं को मान्यता देता है, जो समकालीन संग्रहालय मूल्यों और मिश्रित प्रथाओं को मूर्त रूप देती हैं।