रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘मेक इन इंडिया’ राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है और इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रभावी कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ के वार्षिक बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति और प्रतिक्रिया दोनों को पुनः डिज़ाइन और परिभाषित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जब भी पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी तो वह केवल आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर पर ही होगी। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने महसूस किया है कि आतंकवाद का व्यापार चलाना लागत-कुशल नहीं है क्योंकि उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
श्री सिंह ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का श्रेय स्वदेशी रक्षा प्रणालियों को दिया। उन्होंने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के निष्पादन मॉडल पर प्रकाश डाला और इसे 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग को सक्षम बनाने वाला एक साहसिक कदम बताया।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि आज भारत न केवल लड़ाकू विमान या मिसाइल प्रणालियों का निर्माण कर रहा है, बल्कि हम नई युग की युद्ध तकनीक के लिए भी तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया देश के लिए एक निर्णायक क्षण है और भारत जपान जैसी उच्च तकनीकी विनिर्माण, इंजीनियरिंग और भविष्य की तकनीकों के लिए विकास केंद्र बन सकता है।
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अनिश्चितता का माहौल दिखाई दे रहा है और इसका मुख्य कारण भरोसे की कमी है। इसके विपरीत, भारत का प्रयास विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और आर्थिक खंडों के बीच एक मजबूत भरोसे का माहौल बनाने का रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने इन प्रयासों के माध्यम से अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।उन्होंने आगे कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन अब तक का उच्चतम स्तर, यानी 1 लाख 46 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका है।