कर्नाटक में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि मई के दौरान सबसे अधिक रिकॉर्ड वर्षा हुई है। पिछले एक सौ 25 वर्षों में ऐसी वर्षा नहीं हुई थी। मई के महीने के दौरान सामान्य रूप से 74 मिलीमीटर होती है जबकि इस मॉनसून के दौरान राज्य में दो सौ 19 मिलीमीटर वर्षा हुई।
पहली अप्रैल और 31 मई के दौरान अधिक वर्षा के कारण 48 लोग मारे गए। बड़ी संख्या में पेड़ गिरे, भवन ध्वस्त हुए, डूबने की घटनाएं हुई, भूस्खलन हुआ और बहुत से लोग करंट लगने से मारे गए।
बयान में यह भी बताया कि वर्षा से दो हजार 68 मकानों को नुकसान पहुंचा और 15 हजार तीन सौ 78 हेक्टेयर भूमि की फसलों को नुकसान पहुंचा। कोडागू, दक्षिण कन्नड़, उडूपी और उत्तर कन्नड़ में सबसे अधिक वर्षा हुई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल – एनडीआरएफ के दल राहत और बचाव अभियान में लगे हैं।
मॉनसून की अच्छी वर्षा के कारण राज्य के 14 महत्वपूर्ण जलाशयों में पर्याप्त जल उपलब्ध हो गया है।