भारतीय सेना देश के प्रमुख स्थानों पर अगले पीढ़ी की रक्षा तकनीकों के परीक्षण कर रही है। इसमें पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज, बबिना फील्ड फायरिंग रेंज और जोशीमठ शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि इन क्षेत्रीय परीक्षणों को युद्ध परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास सिमुलेशन को शामिल किया गया है, ताकि अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के प्रदर्शन का कठोर परीक्षण किया जा सके।
एयर डिफेंस उपकरणों के प्रदर्शन भी आगरा और गोपालपुर में आयोजित किए जाएंगे। इन प्रदर्शनों में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विकसित कई उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। मूल्यांकन के मुख्य प्लेटफार्मों में अनमैंड एयरियल सिस्टम, यूएवी-लॉन्च्ड प्रिसिजन-गाइडेड मुनिशन्स, लोइट्रिंग मुनिशन्स, लो-लेवल लाइटवेट रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्लेटफार्म, और विशिष्ट वर्टिकल-लॉन्च ड्रोन शामिल हैं।
इस प्रदर्शन में अनेक रक्षा उद्योग भागीदार भी भाग ले रहे हैं। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये परीक्षण उभरती हुई तकनीकों को तेजी से अपनाने और बदलते युद्ध क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।