भारत अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत बनाने जा रहा है। भारत के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स लिमिटेड तथा नॉर्वे के कोंग्सबर्ग ओस्लो ने आज इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। नॉर्वे के ओस्लो में केंद्रीय पत्तन, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते से भारत का अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत स्वदेशी रूप से बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इस अवसर पर श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत न केवल एक पोत बना रहा है, बल्कि नवाचार, अन्वेषण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की विरासत भी तैयार कर रहा है। यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
श्री सोनोवाल ने कहा कि यह समझौता वैज्ञानिक खोज को प्रोत्साहन देने, ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने तथा जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देगा।