भारत और पैराग्वे ने स्वच्छ ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासियोस के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान यह निर्णय लिया गया। दोनों देशों ने साइबर अपराध, संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी खत्म करने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के पास डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि, रक्षा, रेलवे, अंतरिक्ष सहित अन्य क्षेत्रों में कई संभावित अवसर हैं। उन्होंने कहा कि पैराग्वे दक्षिण अमरीका में एक मूल्यवान भागीदार है और दोनों देश साझा मूल्यों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने की भी अपार संभावनाएं हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने राष्ट्रपति पालासियोस से मुलाकात की और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए उनकी सकारात्मक भावनाओं और मार्गदर्शन की सराहना की। दोनों देशों के बीच संयुक्त आयोग तंत्र की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
श्री पालासियोस भारत की तीन दिन की यात्रा पर हैं। उन्होंने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलने का कार्यक्रम है।
राष्ट्रपति पेना बुधवार को मुंबई भी जाएंगे। मुंबई में उनका राजनीतिक दलों के नेताओं, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों तथा तकनीकी प्रमुखों से मिलने का कार्यक्रम है। भारत और पैराग्वे ने 1961 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। दशकों से दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध बने हुए हैं।
दोनों देशों ने व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विकसित किया है। ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र की कई भारतीय कंपनियां पैराग्वे में है। पैराग्वे की कई कंपनियां भारत में है।
दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद का मुकाबला करने सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं।