भारत ने 30 किलोवाट की लेजर आधारित हथियार प्रणाली का उपयोग करके, फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है। इसके साथ ही वह अमरीका, चीन और रूस सहित उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास यह क्षमता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी आर डी ओ के प्रमुख केंद्र, सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज, हैदराबाद ने आज आंध्र प्रदेश के कुरनूल में वाहन पर लगे लेजर निर्देशित हथियार डी.ई.डब्ल्यू. एम.के.-दो (ए) के भूमि संस्करण का सफल क्षेत्र प्रदर्शन किया। डी आर डी ओ ने कहा है कि इस सफल परीक्षण के साथ भारत वैश्विक शक्तियों के उस समूह में शामिल हो गया है, जिसके पास उच्च शक्ति वाली लेजर डी.ई.डब्ल्यू प्रणाली है।
रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग के सचिव और डी आर डी ओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह, यात्रा की शुरुआत मात्र है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रयोगशाला ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं, उद्योग और शिक्षा जगत के साथ जो तालमेल हासिल किया है, वह जल्द ही लक्ष्य तक पहुंचेगा। डॉ. कामत ने कहा कि डीआरडीओ अन्य उच्च ऊर्जा प्रणालियों जैसे उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स और कई प्रौद्योगिकियों पर भी काम कर रहा है जो स्टार वार्स क्षमता प्रदान करेंगी।