केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र के आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के निर्णय को सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का संदेश बताया है। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री शाह ने कहा कि यह निर्णय आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े सभी वर्गों को सशक्त करेगा और वंचितों की प्रगति के नए रास्ते तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दशकों तक सत्ता में रहते हुए जाति गणना का विरोध करते रहे और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति करते रहे।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों को मुख्यधारा में लाने और लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित लोगों को सम्मान दिलाने की दृष्टि से यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी लगातार जाति गणना की मांग करती रही है। सोशल मीडिया पर पोस्ट में श्री खरगे ने कहा कि जनगणना के साथ जाति गणना की घोषणा एक सही कदम है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली में कहा कि उनकी पार्टी जाति गणना का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में समयसीमा बताए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट आवंटित किया जाना चाहिए। श्री गांधी ने कहा कि जाति गणना में तेलंगाना एक मॉडल बन गया है।
लोक जनशक्ति (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नई दिल्ली में कहा कि यह एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लंबे समय से अटकी मांग पूरी की है।
तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समावेशी शासन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम अधिक सटीक, डेटा-संचालित नीतियों को सक्षम करेगा। उन्होंने कहा कि यह देश के कमजोर समुदायों की आवश्यकताएं पूरी करेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी0 राजा ने कहा है कि उनकी पार्टी लगातार जाति गणना की मांग करती रही है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के लगातार अभियान के कारण सरकार जाति गणना के लिए तैयार हो गई है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कहा कि जाति गणना पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समाज के सभी वर्गों के आर्थिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए होगी।