वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज नई दिल्ली में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों-आरआरबी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सभी 43 वर्तमान आरआरबी के साथ व्यावसायिक प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई समूहों में व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में आरआरबी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, श्रीमती सीतारामन ने आरआरबी से अपने प्रायोजक बैंकों के समर्थन के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण स्वीकृत करते समय लाभार्थियों की स्पष्ट पहचान पर अधिक जोर देने का आग्रह किया। बैठक में आरआरबी को जमीनी स्तर के कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी आरआरबी के पास अपनी खुद की नवीनतम प्रौद्योगिकी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल बैंकिंग जैसी डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उत्तर पूर्व के राज्यों और पहाड़ी क्षेत्र जैसे क्षेत्रों के लिए एक वरदान साबित होंगी।
श्रीमती सीतारामन ने प्रायोजक बैंकों और आरआरबी से आगे आने वाली चुनौतियों को पहचानने और संपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखने, डिजिटल सेवाओं का विस्तार करने और मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने पर ध्यान देने के लिए भी कहा।
बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के नामित सचिव, अतिरिक्त सचिव, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक-सिडबी, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक-नाबार्ड के प्रतिनिधि, आरआरबी के अध्यक्ष और प्रायोजक बैंकों के कार्यकारी अधिकारी भी शामिल हुए।