केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आर्थिक प्रगति के लिए ऊर्जा को एक अनिवार्य शर्त बताया तथा भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में इसके महत्व को रेखांकित किया। नई दिल्ली में सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्थिक प्रगति को गति देने में ऊर्जा की भूमिका पर जोर दिया। मंत्री ने कहा कि ऊर्जा की खपत आर्थिक प्रदर्शन का एक प्रमुख संकेतक है, उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई ऊर्जा खपत प्रगति को दर्शाती है, जबकि गिरावट अंतर्निहित मुद्दों को इंगित करती है।
इसी कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अनुसंधान, नवाचार, बोर्डरूम, विमानन, कानून प्रवर्तन, सैन्य और खनन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान का हवाला दिया। उन्होंने विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।
इससे पहले आज सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने पिछले दशक में 17 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए हैं।
मंत्री महोदय ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जो एक जनसांख्यिकीय लाभांश है और उन्होंने इस जनशक्ति को अवसर में बदलने के तरीके खोजने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए एक मॉडल की वकालत की।