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जुलाई 22, 2024 2:19 अपराह्न | लोकसभा नीट

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शिक्षा मंत्री ने कहा NEET-UG पेपर लीक की जांच जारी, मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन

सरकार ने कहा है कि पिछले सात वर्षों में देश में पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया है और वह नीट-यूजी पेपर लीक मामले में कुछ भी नहीं छिपा रही है। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्‍नों का उत्‍तर देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय प‍रीक्षा एजेंसी ने अपनी स्थापना के बाद से 240 परीक्षाएं आयोजित की हैं। इनमें साढ़े चार करोड़ से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। श्री प्रधान ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस बयान को निंदनीय बताया, जिसमें उन्‍होंने देश की परीक्षा प्रणाली की आलोचना की थी। देश में पेपर लीक की घटनाएं आम होने के विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि देश भर में केवल एक मामला पटना में सामने आया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है और ये मामला सर्वोच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। श्री प्रधान ने सदन को बताया कि नीट-यूजी परीक्षा में केवल एक स्‍थान पर विसंगतियां और भ्रष्टाचार के मामलों का पता चला है।

 

इससे पहले विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ये मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि देश की परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्‍या है। उन्‍होंने इस मुद्दे पर श्री प्रधान की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि देश में लाखों विद्यार्थी परीक्षाओं और अपने भविष्‍य को लेकर चिंतित हैं। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर श्री प्रधान के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि यह सरकार कथित रूप से पेपर लीक के रिकॉर्ड कायम कर रही है। श्री यादव के आरोप का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि केन्द्रवार योग्यता सूची प्रकाशित की गई है। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष ऐसी टिप्पणियों के जरिये, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों से संबंधित विद्यार्थियों की प्रतिभा पर सवाल उठा रही है, क्योंकि इन समुदायों के अनेक विद्यार्थियों ने परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। आरएसपी के श्री एन के प्रेमचंद्रन सहित कुछ अन्‍य विपक्षी सांसदों ने भी आज सदन में पेपर लीक का मामला उठाया।

 

राज्‍यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने बजट सत्र के पहले दिन सदस्‍यों से अपील की कि वे विचार-विमर्श और बहस के सिद्धांतों का पालन करें और सुदृढ संसदीय विमर्श के लिए सुचारू वातावरण बनाएं। उन्‍होंने सदस्‍यों से कहा कि वे राष्‍ट्र के समक्ष मिसाल कायम करें और लोगों के कल्‍याण के लिए मिलकर काम करें। बाद में उन्‍होंने कांग्रेस, वामपंथी दलों, टीएमसी और अन्‍य दलों के स्‍थगन प्रस्‍ताव के नोटिस खारिज कर दिये। इन दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानों पर कथित रूप से उनके मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने और यूपीएससी जाली प्रमाणपत्र मुद्दे को लेकर स्‍थगन प्रस्‍ताव पेश किया था।

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