विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि चीन पाकिस्तान के साथ अपनी दोस्ती निभाने के लिए आतंक के खिलाफ दोहरे मापदण्ड नहीं अपना सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक ऐसी समस्या है जो सभी को चिंतित करती है। अपनी फ्रांस की यात्रा के दौरान एक फ्रांसीसी अखबार के साथ एक साक्षात्कार में डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन अपने रिश्ते को निरंतर सुधार कर सकते हैं और कोविड महामारी के बाद से निलंबित किए गए प्रत्यक्ष उड़ानों को फिर से शुरू करने पर विचार कर सकते हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत का संघर्ष आतंकवाद के खिलाफ है न कि किसी देश के खिलाफ। उन्होंने बताया कि भारत आतंकवाद को कतई न बर्दाश्त करने की नीति बनाए रखता है जबकि पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन देना जारी रखता है। उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी भारत पर फिर से हमला करते हैं, तो उन्हें जहां भी पाकिस्तान में संरक्षण दिया जाएगा वहां मुहतोड जबाव दिया जाएगा।
डॉ. जयशंकर ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत करते हुए कहा कि भारत ने मास्को और कीव दोनों के साथ बातचीत की है। शांति केवल वार्ता के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने 9 जुलाई को टैरिफ निलंबन समाप्त होने से पहले संयुक्त राज्य अमरीका के साथ एक व्यापार समझौते पर सन्तोष व्यक्त किया।
उन्होंने फ्रांस के साथ भारत के मजबूत संबंधों की पुष्टि करते हुए रक्षा, परमाणु ऊर्जा, एआई, अंतरिक्ष और पर्यावरण में साझेदारी को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।
डॉ. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है उन्होंने शांति, क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता के माध्यम से विश्व मंच पर एक सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में भारत के महत्व पर जोर दिया