अगस्त 12, 2025 5:22 अपराह्न

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राज्यसभा ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित करने के लिए स्वीकार कर लिया है

राज्यसभा ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित करने के लिए स्वीकार कर लिया है।

       राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करने और उनके कामकाज को विनियमित करने का प्रावधान करता है। विधेयक में प्रत्येक निर्दिष्ट खेल के लिए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति और राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय खेल महासंघों की स्थापना का प्रावधान है। ये राष्ट्रीय निकाय संबंधित अंतर्राष्ट्रीय निकायों से संबद्ध होंगे। विधेयक में प्रावधान है कि प्रत्येक राष्ट्रीय खेल निकाय का एक सामान्य निकाय होगा, जिसमें प्रत्येक संबद्ध सदस्य के समान संख्या में प्रतिनिधि और कुछ पदेन सदस्य होंगे। इसमें अधिकतम 15 सदस्यों वाली एक कार्यकारी समिति होगी, जिसमें कम से कम दो उत्कृष्ट खिलाड़ी और चार महिलाएँ होंगी। यह विधेयक केंद्र सरकार को एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड स्थापित करने का अधिकार देता है जो राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करेगा और उनकी संबद्ध इकाइयों को पंजीकृत करेगा। विधेयक में खेल संबंधी विवादों के निपटारे के लिए एक राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के गठन का भी प्रावधान है।

       राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम 2022 में संशोधन करेगा। यह अधिनियम खेलों में डोपिंग के विरुद्ध यूनेस्को कन्वेंशन को प्रभावी बनाता है। इससे खेलों में डोपिंग पर प्रतिबंध लगेगा। यह डोपिंग रोधी नियमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी- नाडा की स्थापना करता है। यह नाडा की गतिविधियों की निगरानी और केंद्र सरकार को डोपिंग रोधी नियमों पर परामर्श देने के लिए राष्ट्रीय खेल डोपिंग रोधी बोर्ड की भी स्थापना करता है।

       इस विधेयक को पेश करते हुए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार महासंघों के चुनाव, महासंघों के भीतर खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता लाने और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए यह विधेयक लाई है।  श्री मांडविया ने कहा कि देश में महासंघों के चुनावों से संबंधित 350 से ज़्यादा अदालती मामले इस समय चल रहे हैं। उन्होंने देश के हर युवा को खेलों में अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री मंडाविया ने कहा कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक पारित होने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल क्षेत्रों में देश की सकारात्मक छवि बनाने के लिए एक अच्छा कानून बनेगा। उन्‍होंने कहा कि आज दुनिया के 20 देशों में खेलों से संबंधित कानून हैं, लेकिन भारत में अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं है।

    इस विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए वाईएसआरसीपी के अयोध्या रामी रेड्डी ने कहा कि ये विधेयक देश के मेहनती खिलाड़ियों और एथलीटों के लिए बहुत ज़रूरी सुधार हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से पारदर्शिता आएगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने खेल क्षेत्र में व्यापक कानून की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से खिलाड़ियों और महिला खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल महासंघों में प्रतिनिधित्व मिलेगा। श्री पटेल ने खेल से संबंधित कानून और नियमों को दुनिया के बाकी हिस्सों के बराबर लाने की आवश्यकता पर बल दिया। मनोनीत सदस्‍य पी टी उषा ने कहा कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 जवाबदेही, पारदर्शिता और लैंगिक समानता लाएगा। उन्होंने कहा कि यह खिलाडि़यों को सशक्त भी बनाएगा और शासन को खेल-केंद्रित बनाएगा।

    कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि यह विधेयक खेल के क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से खेल महासंघों का नियंत्रण और नेतृत्व खिलाड़ियों और पूर्व खिलाड़ियों के हाथों में होगा। उन्होंने कहा कि आज खेलो इंडिया योजना के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को अवसर मिल रहे हैं।

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