भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले तीन वर्षों के लिए फलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी यू.एन.आर.डब्ल्यू.ए. के कार्यकाल का संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। फलिस्तीनी शरणार्थियों को सहायता देने संबंधी इस प्रस्ताव को 151 मतों से पारित किया गया। 10 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान जबकि 14 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
यू.एन.आर.डब्ल्यू.ए. के महाआयुक्त फिलिप लाज़ारिनी ने भारत के समर्थन का स्वागत किया है और इसे फलिस्तीनी शरणार्थियों के साथ विश्व की एकजुटता की अभिव्यक्ति बताया है। यू.एन.आर.डब्ल्यू.ए. फलिस्तीनी शरणार्थियों शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सेवाएँ, सुरक्षा सहित वित्तीय और आपातकालीन सुविधाएं प्रदान करता है।
इस्राइल ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यू.एन.आर.डब्ल्यू.ए. ने हमास के सैन्य ढांचे को बढ़ावा दिया है। प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान करने वाले देशों में अमरीका, इस्राइल, अर्जेंटीना, फिजी, हंगरी, उत्तरी मैसेडोनिया, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा शामिल थे।