पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की प्रशंसा करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनका कोई दुश्मन या प्रतिद्वंदी नहीं है। दत्तात्रेय की तेलुगु में लिखी आत्मकथा ‘प्रजाला काथे, ना आत्म कथा’ का विमोचन करने के बाद उन्होंने कहा कि दत्तात्रेय की सभी के साथ मित्रता है।
इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
श्री कोविंद ने गरीबों के उत्थान और जरूरतमंदों की सहायता के लिए दत्तात्रेय के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने आपातकाल के दौरान उनके कारावास को भी याद किया। वेंकैया नायडू ने कहा कि दत्तात्रेय का जीवन हमेशा लोगों से जुड़ा रहा है और उनका एक राजनीतिक विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहना उतना ही महत्वपूर्ण है।
चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें एक ‘सज्जन राजनेता’ बताया और 1977 के विनाशकारी चक्रवात के दौरान उनके द्वारा की गई सेवा की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा के राज्यपाल का जीवन कई मायनों में एक आदर्श है। तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, आंध्र प्रदेश के एस अब्दुल नजीर, त्रिपुरा के एन इंद्रसेन रेड्डी और ओडिशा के के हरि बाबू और विभिन्न क्षेत्रों की कई जानी-मानी हस्तियाँ इस कार्यक्रम में शामिल हुईं।