सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फर्जी खबरों से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया की जवाबदेही का आह्वान किया है। आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐसे समाधान खोजने चाहिए जो उनके कंटेंट से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हों । उन्होंने बदलते मीडिया परिदृश्य और भारत के विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ के बीच सेफ हार्बर प्रावधान पर विचार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
श्री वैष्णव ने लोकतंत्र के संरक्षण में मीडिया की भूमिका का उल्लेख करेते हुए कहा कि प्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम और आपातकाल के दौरान प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि भारत में विविध मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें 35 हजार से अधिक पंजीकृत समाचार पत्र, कई समाचार चैनल और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा शामिल है।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में गलत सूचना के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज आज एक बड़ी चिंता का विषय है। श्री मुरुगन ने खबरों और लेखों की प्रमाणिकता की जांच के लिए पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट की सराहना की।
सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय मीडिया राष्ट्रीय एकता का एक महत्वपूर्ण दूत और भारत की सॉफ्ट पावर का एक बड़ा स्रोत रहा है। उन्होंने मीडिया को समर्थन देने की सरकार की पहल पर भी प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रति वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रेस परिषद ने काम करना शुरू किया था।