प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सुब्रमण्य भारती का समृद्ध भारत और प्रत्येक व्यक्ति के सशक्तीकरण का दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली में तमिल कवि और स्वधीनता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश आज महान कवि की जयंती मना रहा है, ऐसे कवि को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। उन्होंने कहा कि महाकवि सुब्रमण्य भारती की रचनाओं के संग्रह का विमोचन करते हुए उन्हें बहुत ही सम्मानित महसूस हो रहा है।
श्री मोदी ने इस दिन को देश की संस्कृति और साहित्य, भारत के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों और तमिलनाडु के गौरव के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि महाकवि सुब्रमण्य भारती की रचनाओं और कृतियों को प्रकाशित करना एक महान सेवा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संग्रह शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सुब्रमण्य भारती की ‘गीता‘ में गहरी आस्था थी और भारत में शब्दों को केवल अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं माना जाता बल्कि शब्द को ब्रह्म की उपाधि दी जाती है।
श्री मोदी ने कहा कि आधुनिक समय में स्वामी विवेकानंद की संग्रहित रचनाएं और बाबा साहेब अंबेडकर के लेखन और भाषण समाज और शिक्षा जगत के लिए बेहद उपयोगी साबित हुए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि तिरुक्कुरल का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद चल रहा है, जिससे इसका बहुमूल्य संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।