भारत और सिंगापुर ने स्वास्थ्य और औषधि, शिक्षा और कौशल विकास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, तथा भारत सिंगापुर सेमीकंडक्टर प्रणाली साझेदारी के क्षेत्रो में सहयोग के लिए चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनो देश अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक ले जाने पर भी सहमत हुए हैं जिससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति को बढावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लारेंस वॉग के बीच आज हुई प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। सिंगापुर में वार्ता के दौरान दोनो नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और दोनो देशों के बीच व्यापार और निवेश के विस्तार का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिंगापुर का भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 160 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश है और वह भारत का अग्रणी आर्थिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि भारत में तेज और सतत वृद्धि ने सिंगापुर की संस्थाओं के लिए निवेश के आपार अवसर खोल दिए हैं।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने रक्षा और सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा की जागरूकता, शिक्षा, कृत्रिम बुद्धिमता, वित्तीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा ज्ञान की साझेदारी के क्षेत्रो में सहयोग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। दोनो नेताओं ने लोगों के बीच सम्पर्क बढाने और आर्थिक सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने हरित गलियारा परियोजनाओं में तेजी लाने पर जोर दिया। दोनो नेताओं ने पिछले महीने सिंगापुर में हुई दूसरी भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल वार्ता के निष्कषों पर भी चर्चा की। बातचीत में 2025 में दोनो देशों के द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने भारत-आसियान संबधों समेत आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमश किया।
अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा सिंगापुर न केवल साझेदार देश है बल्कि हरेक विकासशील राष्ट्र के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि देशों के बीच मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल स्थापित होना एक अनूठी पहल है।
श्री मोदी ने कहा कि सिंगापुर में रहने वाले भारतीय मूल के साढे तीन लाख लोग रिश्तों की मजबूत नींव हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत का पहला तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र सिंगापुर में खोला जाएगा।
बाद में प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लारेंस वॉग ने सिंगापुर की सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स की अग्रणी कम्पनी एईएम होल्डिंग्स लिमिटेड का दौरा किया। दोनो नेताओं को सेमीकंडक्टर की वैश्विक श्रृखंला, उसके संचालन और भारत के लिए कम्पनी की योजनाओं के बारे में बताया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कम्पनियों को सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी में भागीदारी का निमंत्रण दिया। यह प्रदर्शनी इस महीने ग्रेटर नोएडा में आयोजित होगी। दोनो प्रधानमंत्रियों ने कम्पनी में प्रशिक्षण ले रहे ओडिसा विश्व कौशल केन्द्र के भारतीय प्रशिक्षुओं तथा इंडिया रेड्डी टेंलेंट प्रोग्राम के अंतर्गत भारत का दौरा कर चुके सिंगापुर के प्रशिक्षुओं से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षण्मुगरत्नम तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी मुलाकात की। बैठक के दौरान, श्री मोदी ने दोनों देशों के बीच साझेदारी के लिए उनके समर्थन के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। इस दौरान भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को व्यापक और प्रगाढ़ करने पर चर्चा हुई।
सिंगापुर की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और कारोबारियों ने भी भारत में निवेश के लिए श्री मोदी से मुलाकात की। इनमें ब्लैकस्टोन सिंगापुर, टेमासेक होल्डिंग्स, सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज लिमिटेड, कैपिटललैंड इन्वेस्टमेंट, एसटी टेलीमीडिया ग्लोबल डेटा सेंटर और सिंगापुर एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने भारत में चल रहे सुधारों पर प्रकाश डाला, जिससे निवेश और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।