प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार जिन नीतियों पर काम कर रही है वह अगले एक हजार वर्षों के भविष्य का आकार निर्धारित करेंगी। श्री मोदी ने देश के प्रति अपने दृष्टिकोण को साकार करने में सभी से प्रति दिन और प्रति क्षण अथक प्रयास करने का अनुरोध किया। आज नई दिल्ली में 17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस-ग्यारह वर्षों में विकसित भारत की मजबूत नींव रखी गई है। उन्होंने विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में सामूहिक प्रयास और संकल्प के महत्व पर भी जोर दिया। श्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत छोटे परिवर्तनों से आगे निकलते हुए प्रभावशाली परिवर्तन का साक्षी बना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अब न केवल उसकी आर्थिक वृद्धि के लिए जाना जाता है बल्कि वह शासन, पारदर्शिता और नवाचार के भी नये मानक गढ़ रहा है। उन्होंने ऊर्जा, सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, खेल संवर्धन तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्रों में आने वाले वर्षों के लिए भारत के महत्वकांक्षी लक्ष्यों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनाने मे सिविल सेवकों की बड़ी जिम्मेदारी है। श्री मोदी ने सिविल सेवकों का आह्वान किया कि इस महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करने की सभी बाधाओं को दूर करें।
आकांक्षी जिलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल से स्वास्थ्य, सामाजिक विकास और मूलभूत सुविधाओं की दृष्टि से देश के विभिन्न भागों में अभूतपूर्व परिवर्तन सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी तत्परता से योजनाएं लोगों तक पहुंचती हैं और उनका जमीनी असर होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते आज के समय में हमें वैश्विक चुनौतियों पर पैनी नजर रखनी होगी। श्री मोदी ने कहा कि भोजन, पानी और ऊर्जा सुरक्षा अभी भी विकासशील देशों के लिए बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं।
इस अवसर पर श्री मोदी ने सिविल सेवकों को जिलों के समग्र विकास, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम और नवाचार की श्रेणियों में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने दो ई-बुक भी जारी की।