प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संगीत और नृत्य ऐसी भाषाएं हैं जो सीमाओं से परे हैं और सार्वभौमिक रूप से समझी जाती हैं। नई दिल्ली में भारतीय नृत्य पर पहले अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के लिए एक विशेष संदेश में श्री मोदी ने युवा पीढ़ी के लिए नृत्य के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रदर्शन कलाओं को समर्पित सबसे प्रारंभिक ग्रंथ भारत में भरत मुनि द्वारा लिखे गए थे। उन्होंने कहा है कि युवाओं को ऐसे उत्सवों में शामिल करने से उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद मिलती है और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका मजबूत होती है।
संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित छह दिन के महोत्सव का उद्घाटन आज संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। यह कार्यक्रम भारतीय नृत्य रूपों की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाने और कलाकारों, विद्वानों और छात्रों को एक साथ लाने का मंच है।