श्रीलंका में वेसाक दिवस पर राष्ट्रपति के क्षमादान के अधिकार का दुरुपयोग राष्ट्रीय विवाद का विषय बनता जा रहा है। अनाधिकृत कैदियों की रिहाई करने के मामले में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के प्रशासन से जांच की मांग की जा रही है। विपक्षी नेता सजीथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति से क्षमादान प्राप्त तीन सौ 88 कैदियों की सूची प्रकाशित करने की मांग की है।
अपराध जांच विभाग ने अनुराधापुरा जेल के डिप्टी कमिश्नर और जेलों के कमिश्नर जनरल तुषारा उपु देनिया दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
राष्ट्रपति के क्षमादान के अधिकार के दुरुपयोग को लेकर अब प्रशासन से जांच की मांग की जा रही है। राजपक्षे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि “एक कार्यकारी राष्ट्रपति यह दावा नहीं कर सकता कि उसके हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया है।” इस घोटाले में श्रीलंका की न्याय और सुधार प्रणालियों में सुधार को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है, साथ ही राष्ट्रपति की क्षमा प्रक्रिया की स्वतंत्र जांच की मांग भी बढ़ रही है।