सर्वोच्च न्यायालय ने आज देश भर के सभी न्यायालय परिसरों और न्यायाधिकरणों में पुरुषों, महिलाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधाओं के निर्माण और उपलब्धता का आदेश जारी किया। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि शौचालय केवल सुविधा का विषय नहीं है, बल्कि एक बुनियादी आवश्यकता है जो मानवाधिकारों का एक पहलू है।
Site Admin | जनवरी 15, 2025 9:10 अपराह्न
शौचालय केवल सुविधा का विषय नहीं है, बल्कि एक बुनियादी आवश्यकता है जो मानवाधिकारों का एक पहलू है- सर्वोच्च न्यायालय
