विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रहमण्यम जयशंकर ने भारत और वैश्विक हितों पर क्षेत्रीय अस्थिरता के व्यापक प्रभावों का उल्लेख किया है। डॉ० जयशंकर आज दोहा फोरम 2024 के कन्फिलिक्ट मेडिएशन इन ए न्यू ईरा की एक समूह परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भौगोलिक तौर पर दूरदराज के संघर्षों ने भारत की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर तत्काल तथा ठोस रूप से प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि भारत का व्यापक व्यापार है और भूमध्य सागरीय तथा खाडी क्षेत्रों में भारतीय प्रवासी समुदाय की उपस्थिति है।
यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के कूटनीतिक प्रयास, दोनों ओर के नेताओं के साथ हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर संवाद की आवश्यकता है। डॉ० जयशंकर ने कहा कि भारत की भूमिका परम्परागत मध्यस्थ की नहीं है बल्कि वह संवाद की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत इस संघर्ष से आर्थिक रूप से प्रभावित 125 से अधिक देशों के हितों का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
22वां दोहा फोरम आज इनोवेशन इम्पेरेटिव की मुख्य विषय वस्तु के साथ शुरू हुआ। इस आयोजन में 150 से अधिक देशों के चार हजार पांच सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।