लोकसभा में आज 2024-25 के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के तारिक अनवर ने आम लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस वर्ष के बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए पर्याप्त आवंटन नहीं किया गया। उन्होंने दवाओं की ऊंची कीमतों पर कहा कि लोग मंहगी दवाएं खरीदने में असमर्थ हैं।
भाजपा के डॉ संजय जायसवाल ने कहा, सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में केवल तीन सौ 87 मेडिकल कॉलेज थे जो अब बढ़कर 706 हो गये हैं। 2014 में लगभग 51 हजार मेडिकल सीटें थीं जो अब बढ़कर एक लाख से अधिक हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की। अब तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। श्री जयसवाल ने कहा कि इस साल के बजट में कैंसर की तीन दवाओं पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया है, जिससे देश के 27 लाख कैंसर रोगियों को फायदा होगा।
समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में इस बार स्वास्थ्य बजट कमी की गई है। उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन उनमे बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। टीएमसी की डॉ. शर्मिला सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अपर्याप्त फंडिंग का मुद्दा उठाया। द्रमुक की डॉ रानी श्रीकुमार ने सरकार से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के बजटीय आवंटन को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने और समय पर धन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
जदयू के रामप्रित मंडल ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 90 हजार छह सौ 59 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अनुसंधान गतिविधियों के लिए तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक रखे गए हैं।
वाईएसआरसीपी के गुरुमूर्ति मद्दीला ने सरकार से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ देश भर में और अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने करने का अनुरोध किया।
टीडीपी के दग्गुमल्ला प्रसाद राव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आंध्र प्रदेश में एक व्यापक कैंसर अस्पताल स्थापित करने का आग्रह किया।
भाजपा के मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य बजट लगातार बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल स्वास्थ्य बजट 80 हजार पांच सौ 17 करोड़ रुपये से अधिक था, जो इस साल बढ़कर 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। कांग्रेस के सुनील बोस, राजद के सुधाकर सिंह, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर और भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा सहित अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया।