रूस और यूक्रेन के बीच आज बडे पैमाने पर कैदियों की अदाला-बदली हुई। फरवरी-2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से कैदियों की यह सबसे बड़ी अदला-बदली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित संक्षिप्त ईस्टर संघर्ष-विराम के दौरान इसे अंजाम दिया गया। इस प्रक्रिया में लगभग 500 सैनिकों को मुक्त किया गया, जिनमें कुछ घायल भी शामिल थे। इस समझौते में संयुक्त अरब अमीरात ने मध्यस्थता की। परंतु दोनों देशों के बीच शांति वार्ता में गतिरोध बना हुआ है। संघर्षविराम के दौरान हमलों से कुछ राहत मिली, जिससे दोनों पक्षों ने मानवीय राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया। कैदियों की रिहाई को एक रचनात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, भले इससे मौजूदा संघर्ष का कोई समाधान नहीं हुआ है। दोनों देश लंबे समय से जटिल युद्ध में संघर्षरत हैं।
कई परिवारों ने अपने प्रियजनों की घर वापस पर राहत महसूस की। इस अदाला-बदली से संघर्ष पीडित लोगों में उम्मीद जगी है। परंतु, रूस और यूक्रेन के बीच बड़े मुद्दों का समाधान नहीं हो पाया है, क्योंकि शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है।
इस बीच, रूस के रक्षा मंत्रालय ने आज यूक्रेन पर आरोप लगाया कि उसने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा घोषित 30 घंटे के ईस्टर संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया है। दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि ईस्टर पर एकतरफा संघर्ष-विराम की घोषणा के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला जारी रखा है। ज़ेलेंस्की ने संघर्ष-विराम 30 दिन और बढ़ाने का अपने प्रस्ताव दोहराया, ताकि शांति को एक और अवसर दिया जा सके।