रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सतत आर्थिक विकास, अधिक क्रय शक्ति और निवेश अनुकूल माहौल के लिए स्थिर मुद्रा स्फीति पर बल दिया है। अल्पविकसित देशों के केन्द्रीय बैंको के नीतिगत सम्मेलन में श्री दास ने कहा कि मूल्य स्थिरता से अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता दोनो लाभान्वित होते है। मूल्य स्थिरता से अनिश्चितता कम होती है तथा बचत और निवेश को बढावा मिलता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि मूल्य स्थिरता सतत विकास के लिए आवश्यक है क्योंकि इससे क्रय शक्ति बढती है और निवेश अनुकूल माहौल सृजित होता है। उन्होंने कहा कि भारत की समायोजी आर्थिक वृद्धि ने रिजर्व बैंक को मुद्रा स्फीति कम कर चार प्रतिशत के लक्ष्य तक लाने पर ध्यान केन्द्रित करने का अवसर दिया है। यह लक्ष्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट दो से छह प्रतिशत के दायरे मे है। श्री दास ने कहा कि दीर्घावधि उच्च आर्थिक वृद्धि के लिए मूल्य स्थिरता महत्वपूर्ण है, इससे अनिश्चितता और मुद्रा स्फीति का जोखिम कम कर अधिक प्रभावी आर्थिक योजना बनाई जा सकती है, जबकि उच्च मुद्रा स्फीति से निर्धन वर्ग पर प्रतिकूल असर पडता है। उन्होंने आर्थिक वृद्धि और मुद्रा स्फीति के बीच संतुलन के लिए वित्तीय और मौद्रिक समन्वय पर बल दिया, विशेषकर ऐसी स्थिति में जबकि मुद्रा स्फीति का दबाव आपूर्ति पक्ष के कारण हो।