रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत रडार को चकमा देने वाले पांचवीं पीढ़ी के पांच प्रकार के युद्धक विमान विकसित करना चाहता है। कल नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा देना राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकता है और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कार्रवाई में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री सिंह ने कहा कि युद्धक विमानों के प्रोटोटाइप विकसित करने के काम में पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनियों की भी भागीदारी ली जाएगी।
रडार से बच सकने वाले युद्धक जेट का निर्माण हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड निजी क्षेत्र के साथ मिलकर करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले वर्ष युद्धक विमान कार्यक्रम को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इस परियोजना पर लगभग 15 हजार करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है।