रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमरीका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने परिचालन समन्वय, सूचना-साझाकरण और औद्योगिक नवाचार में प्रगति के लिए भारत-अमरीका रक्षा साझेदारी की सराहना की है। दोनों नेताओं ने आज लाओस के वियनतियाने में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान मुलाकात की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया है कि दोनों देशों के बीच जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम सहित अमरीका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप की समीक्षा हुई।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने अगस्त में अपनी अमरीका की यात्रा को याद किया, जिसमें आपूर्ति सुरक्षा समझौता और संपर्क अधिकारियों की तैनाती के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। दोनों पक्षों ने स्वतंत्र हिंद-प्रशांत के लिए सैन्य साझेदारी और अंतर-संचालन को मजबूत करने के प्रयासों का स्वागत किया।
श्री सिंह ने प्रशिक्षण के लिए नई क्षेत्रीय समुद्री पहल, क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन और क्वाड हिंद-प्रशांत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पायलट परियोजना सहित प्रमुख पहलों पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। सरकार, व्यवसाय और शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी के साथ भारत-अमरीका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से रक्षा नवाचार के लिए दोनों पक्षों ने साथ आने की बात कही। दोनों देश ने पिछले ढाई वर्षों से बढ़ते रक्षा सहयोग और रणनीतिक संरेखण की गति जारी रखने पर भी सहमति जताई।
रक्षा मंत्री ने आज लाओस के वियनतियाने में एडीएमएम प्लस के मौके पर न्यूजीलैंड के रक्षामंत्री जूडिथ कोलिन्स के साथ भी बैठक की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून और ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पैट कॉनरॉय से भी मुलाकात की।
न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, श्री राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए रक्षा सहयोग समझौते को जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया। उन्होंने भारत के मजबूत जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं पर भी प्रकाश डाला और दोनों पक्ष इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में साथ आने पर सहमत हुए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री किम योंग ह्यून के बीच बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग सकारात्मक दिशा में है। दोनों देश रक्षा नीति वार्ता जैसे स्थापित तंत्रों के माध्यम से फरवरी 2020 में हस्ताक्षर की गई ‘रक्षा उद्योग के रोड मैप’ पर मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए।
ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पैट कॉनरॉय के साथ बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी आपसी हितों, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा पर आधारित है। इससे दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता मजबूत होगी। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संदर्भ में सहयोग करके रक्षा संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने पर भी सहमति जताई।