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मोटे अनाज को अपने दैनिक आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए : नेक राम शर्मा

1 से 30 सितंबर, 2024 तक मनाए जाने वाले 7वें राष्ट्रीय पोषण माह अभियान समापन समारोह का आयोजन बाल विकास परियोजना करसोग द्वारा पुराना बाजार स्थित राम मंदिर में किया गया। कार्यक्रम में पदम श्री अवॉर्ड विजेता डॉक्टर नेक राम शर्मा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। समापन समारोह के इस मौके पर गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं सहित 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में पोषण की आपूर्ति और जीवन में पोषण के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
 
 
मुख्यातिथि व पदम श्री विजेता डॉक्टर नेक राम शर्मा ने कहा कि हमें मोटे अनाज को अपने दैनिक आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज मानव जाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा,कोदरा, कांगनी इत्यादि में  बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होने के साथ ही ये अनेक औषधीय गुणों से भी भरपूर होते है जो कुपोषण जैसी बीमारी को खत्म करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज को श्री अन्न का नाम दिया गया है। मोटे अनाजों में फ़ाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होने के साथ ही मोटे अनाज का सेवन पाचन तंत्र को मज़बूत बनाता है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खेती के लिए ज़्यादा पानी और सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती। मोटे अनाज की खेती अल्प संसाधन वाले कृषि-जलवायु क्षेत्रों में भी की जा सकती है।
 
 
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी विपाशा भाटिया ने गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को पोषण से संबंधित जानकारी से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज, देसी सब्जियों, फलों और दालों को अपने आहार प्रणाली में अवश्य ही शामिल करना चाहिए।
उन्होंने एनीमिया की कमी को दूर करने, मासिक धर्म और मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई, उचित खान-पान व युवा बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन व पोषण के पांच सूत्रों पर भी जानकारी प्रदान की।
 
 
 
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को संतुलित और पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि महिलाओं में पोषण की कमी की वजह से उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके बच्चे को भी भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़़ता है। इसीलिए पौष्टिक भोजन हमारे शरीर के शारीरिक और मानसिक विकास लिए अत्यंत आवश्यक है। पौष्टिक आहार हमें रोगों से लड़़ने की क्षमता प्रदान करने के साथ ही शरीर को स्वस्थ व मजबूत भी बनाता है।
 
 
 
 
सीडीपीओ ने कार्यक्रम में उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजन, बेटी है अनमोल योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों को पोषण ट्रैकर ऐप में निर्धारित समय पर अपडेट करना सुनिश्चित करें।
 
इस अवसर पर सीडीपीओ विपाशा भाटिया ने मुख्यातिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा पोषण माह के दौरान बेहतर कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
 

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