मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा है कि राज्य में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों के अनुभवों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आने वाले समय में उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। यह भागीदारी नारी शक्ति के जुनून, हौसले और हुनर का सम्मान होगा।
सचिवालय में पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य है कि अन्य लोग भी इन सफलताओं से प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे योजनाएं अधिक प्रभावी बन सकें। उन्होंने सचिव, ग्राम्य विकास, राधिका झा को निर्देशित किया कि वे रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में कार्य करें और उन्हें योजना निर्माण में शामिल करें। श्री धामी ने ग्रामीणों के स्थाई आजीविका के लिए कौशल विकास पर बल देते हुए स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं की पहचान कर स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान किया जाए, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग बेहतर हो सके और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो। उन्होंने आयोग को प्रभावी बनाने के लिए नियोजन, शिक्षा, पर्यटन और कौशल विकास जैसे विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया।
बैठक में पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने आयोग की ओर से किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक लगभग 2 हजार लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन करते हुए कृषि, पशुपालन, पर्यटन, होम स्टे, बागवानी और अन्य क्षेत्रों से जुड़कर स्वरोजगार अपनाया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं।