मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने प्रोजेक्ट पी-75 की छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी वाघशीर नौसेना को सौंप दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, स्कॉर्पीन में इस्तेमाल की गई उन्नत तकनीक बेहतरीन स्टील्थ फीचर्स और निर्देशित हथियारों का उपयोग करके लक्ष्य भेदने की क्षमता रखती है। स्टील्थ फीचर पनडुब्बी को रडार और अन्य पकड़ने वाले तरीकों से लगभग अदृश्य रखता है।
वाघशीर पानी के नीचे या सतह पर, टॉरपीडो और ट्यूब-लॉन्च की गई एंटी-शिप मिसाइल दोनों से हमला कर सकती है। साथ ही यह पनडुब्बी खुफिया जानकारी जुटाने और क्षेत्र की निगरानी सहित कई कार्यो में सक्षम है।
वाघशीर में उच्च स्तर की स्वचालन क्षमता भी है, जो विविध उपकरणों, प्रणालियों और सेंसर को एकीकृत करती है। इसके अलावा वाघशीर पिछली पाँच पनडुब्बियों से अलग है क्योंकि इसमें स्वदेशी रूप से विकसित एयर कंडीशनिंग प्लांट और एक आंतरिक संचार और प्रसारण प्रणाली लगी हुई है।
इस अवसर पर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव सिंघल ने कहा है कि छह पनडुब्बियों कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला, वागीर और अब वाघशीर से पनडुब्बी निर्माण करने वाले देशों के विशिष्ट समूह में अब भारत भी शामिल हो गया है।