मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध चम्पावत जिले के गुरुद्वारा रीठा साहिब में सालाना जोड़ मेला आज से शुरू हो गया है। इस अवसर पर विभिन्न प्रान्तों से आये ग्रन्थियों ने गुरुग्रंथ साहब की अखण्ड पाठ की लड़ी पढ़ी और सबद-कीर्तन का आयोजन किया गया। तीन दिन तक चलने वाले इस मेले का उद्धघाटन उपजिलाधिकारी नितेश डांगर ने किया। उन्होंने बताया कि मेले में श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, ठहरने, स्वच्छता आदि की उचित व्यवस्था की गई हैं।
गुरुद्वारा कमेटी के सचिव अजित पाल सिंह ने बताया कि इस पावन स्थान पर 14वीं शताब्दी के दौरान गुरू नानक देव जगत फेरी पर अपने शिष्य मर्दाना के साथ यहां पहंुचे। जब गुरु और शिष्य एक पेड़ के नीचे बैठे थे, तो मर्दाना को भूख लग गयी।
नानक देव ने पेड़ की ओर इशारा किया और पेड़ पर कड़वे रीठे के फल तोड़ खाये, तो वे मीठे होने लगे, जिससे उन्होंने अपनी भूख शांत की। इसी मान्यता के चलते यहाँ पर गुरुद्वारे की स्थापना की गयी और हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ जोड़ मेले का आयोजन किया जाता हैं।