प्रर्वतन निदेशालय मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर और मंदसौर में शराब ठेकेदारों के 11 भवनों में तलाशी अभियान चला रहा है। यह जांच एक प्राथमिकी के बाद की जा रही है जिसमें वर्ष 2015 और 2018 के बीच राजकोषीय चालानों की जालसाजी और हेरफेर के कारण सरकारी राजस्व को 49 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का आरोप लगाया गया है।
जांच में खुलासा हुआ है कि ठेकेदारों ने कथित रूप से कम धनराशि के साथ चालान बनवाए, जिसमें शब्दों में भरे जाने वाले रूपए को खाली छोड़ दिया गया है और बाद में उस खाली स्थान पर अधिक धनराशि भरी गई है।
इसके बाद गोदामों या उत्पाद शुल्क कार्यालयों में संशोधित प्रतियां प्रस्तुत की गई। प्रवर्तन निदेशालय इसकी व्यापकता का खुलासा करने और इसमें संलिप्त लोगों की पहचान करने की जांच कर रहा है।