प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर की दो दिवसीय यात्रा पर है। श्री मोदी ने आज सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग के साथ वार्ता की। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-सिंगापुर की रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और परस्पर हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री का सिंगापुर के पार्लियामेंट भवन पहुंचने पर स्वागत किया गया। ब्रुनेई की अपनी सफल यात्रा के समापन के बाद श्री मोदी कल लायन सिटी सिंगापुर पहुंचे। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी के सम्मान में निजी रात्रिभोज दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने उल्लेख किया कि श्री वोंग के साथ उनकी विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत सिंगापुर के साथ अपनी मैत्री संबंधों को महत्व देता है।
सिंगापुर पहुंचने पर प्रधानमंत्री का वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। शाम को सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी के सम्मान में निजी तौर पर रात्रि भोज का आयोजन किया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री वोंग के साथ विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत–सिंगापुर के साथ मित्रता को बहुत महत्व देता है। कल दोनों नेता भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे। वे सेमीकंडर विनिर्माण इकाई भी देखने जायेंगे। करीब 6 साल बाद सिंगापुर की यात्रा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का सिंगापुर की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मिलने का भी कार्यक्रम है। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि प्रधानमंत्री की इस सिंगापुर यात्रा से भारत की एक्ट ईस्ट नीति को और मजबूती मिलने की संभावना है।
श्री मोदी करीब छह वर्ष बाद फिर से सिंगापुर की यात्रा पर हैं। भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रक्षा सहयोग रहा है। दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में व्यापार और निवेश में लगातार वृद्धि हुई है। आसियान संगठन में सिंगापुर, भारत का सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत भी है।
इससे पहले आज भारत और ब्रुनेई के बीच उपग्रह और प्रक्षेपणयानों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलिकमांड स्टेशन के संचालन में सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों देश आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ बनाने पर भी सहमत हुए। बंदर सेरी बेगवान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच परस्पर संपर्क जैसे सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा भी की। उन्होंने परस्पर हित के क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ब्रुनेई, भारत की एक्ट ईस्ट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ब्रुनेई आने और सुल्तान के साथ भविष्य के संबंधों पर चर्चा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि यह भी एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष भारत-ब्रुनेई द्विपक्षीय साझेदारी की 40वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। श्री मोदी ने एक अरब 40 करोड भारतवासियों की ओर से ब्रुनेई की स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ पर सुल्तान और वहां के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रुनेई के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं और इनकी मैत्री का आधार महान सांस्कृतिक परंपरा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रुनेई के सुल्तान के नेतृत्व में दोनों देशों के रिश्ते दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्रुनेई के सुल्तान की भारत यात्रा को आज भी भारतीयों द्वारा बड़े गर्व के साथ याद किया जाता हैं।
ब्रुनेई के सुल्तान द्वारा श्री मोदी के सम्मान में दिए गए भोज में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ब्रुनेई अपनी साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिए भारत और ब्रुनेई ने रक्षा उद्योग प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में सकारात्मक विचार रखे। दोनों देश बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी उड़ान शुरु करने पर भी सहमत हुए।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय समुदाय ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास के उद्घाटन से भारतीय समुदाय को एक स्थायी सुविधा मिल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा आसियान क्षेत्र में शांति को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत नौवहन और मुक्त हवाई क्षेत्र का समर्थन करता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ‘विकासवाद’ का समर्थन करता है, न कि ‘विस्तारवाद’ का।