भारत ने आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन को वैश्विक स्तर पर उजागर करना जारी रखा है। इसके लिए विभिन्न देशों का दौरा कर भारत ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति से सबको अवगत कराया है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आज फ्रांस की राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से मुलाकात की। श्री प्रसाद ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है और पूरी दुनिया को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतिम उपाय के रूप में सटीक हमला किया। उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत ही निर्णायक तरीके से, घातक शक्ति के साथ, आतंकवादी अड्डों और पाकिस्तान के वायु सेना प्रतिष्ठानों पर हमला किया है। श्री प्रसाद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अभी रोका गया है और पाकिस्तान को खुद को अच्छी तरह से पेश करना होगा। उन्हें आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा।
डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने नेशनल असेंबली में स्लोवेनियाई राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष मार्क लोट्रिक से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामान्य स्थिति से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में स्लोवेनिया के वैश्विक शांति को बढ़ावा देने और आतंकवाद की स्पष्ट निंदा करने की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल ने स्लोवेनियाई एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस के अध्यक्ष मार्जन शेटिन्क और उसके सदस्यों के साथ भी बातचीत की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने ‘गुयाना’ का दौरा किया। डॉ. थरूर ने कहा कि गुयाना ने आतंकवादी हमलों से खुद को बचाने और जवाबी कार्रवाई करने के भारत के अधिकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि गुयाना भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान सदस्य के रूप में और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वैश्विक प्रतिक्रियाओं में इसकी आवाज प्रभावशाली है। श्री थरूर ने उल्लेख किया कि देश को गुयाना सरकार से पूरी समझ और बिना शर्त सहानुभूति और समर्थन मिला है।
प्रतिनिधिमंडल ने गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली से भी मुलाकात की। राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद मानव गरिमा के हर पहलू के खिलाफ हैं और गुयाना इसे खारिज करता है। जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक अन्य सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर के वरिष्ठ विदेश और गृह राज्य मंत्री के साथ बैठक की। सिंगापुर की विदेश राज्य मंत्री सिम एन के साथ बैठक के बाद श्री झा ने कहा कि भारत ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल से पाकिस्तान को काली सूची में वापस लाने का अनुरोध किया है। क्योंकि पाकिस्तान को जो भी वित्तीय सहायता मिलती है, उसका खर्च रक्षा या आतंकवाद पर होता है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने पहलगाम में आतंकी हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवाद के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया।