रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत और चीन एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। नई दिल्ली में चाणक्य रक्षा संवाद 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि वार्ता के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए एक व्यापक सहमति हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि निरंतर संवाद के बाद देर-सबेर समाधान निकल ही आएगा।
श्री सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज के तकनीकी युग में, कंप्यूटर सूचना प्रौद्योगिकी, उपग्रह संचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति वैश्विक अर्थव्यवस्था को बदल रही है। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों ने गतिशील आर्थिक परिदृश्य का निर्माण किया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था जटिलताओं के बावजूद अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत के पास विकास और सुरक्षा को लेकर एक विशिष्ट दृष्टिकोण है, जिसने रक्षा में आत्मनिर्भरता को एक प्रमुख राष्ट्रीय लक्ष्य बनाया है। भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के दूरगामी प्रभाव होंगे।