भारत और मध्य एशियाई देशों ने डिजिटल भुगतान प्रणालियों सहित, परस्पर वित्तीय संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में, राष्ट्रों ने अधिक व्यापार, निवेश, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर-बैंक संबंधों और राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने का आह्वान किया। वित्तीय और बैंकिंग संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका स्वीकार करते हुए, राष्ट्रों ने भारत और मध्य एशियाई भागीदारों के बीच बैंकिंग और वित्तीय संपर्क बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने में भी रुचि व्यक्त की। भारत-मध्य एशिया वार्ता की बैठक आज दोपहर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई।
बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात की आवश्यकता जताई कि संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक घोषणा शीघ्र पारित करनी चाहिए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में आतंकवाद-रोधी वैश्विक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। मंत्रियों ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी बढ़ाने के उपाय पारदर्शिता, व्यापक भागीदारी, स्थानीय प्राथमिकताओं और वित्तीय स्थिरता के सिद्धांतों पर आधारित होने चाहिए।