भारत और पश्चिम एशिया के देशों ने दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों के संयुक्त अन्वेषण में रुचि व्यक्त की है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अध्यक्षता में कल नई दिल्ली में आयोजित भारत-पश्चिम एशिया संवाद की चौथी बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में सहभागी देशों ने महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज के लिए प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया। बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री शामिल हुए।
पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित पहले भारत-पश्चिम एशिया दुर्लभ मृदा मंच के परिणामों की सराहना करते हुए इन देशों के मंत्रियों ने संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द दूसरी भारत-पश्चिम एशिया दुर्लभ मृदा फोरम बैठक आयोजित करने का आह्वान किया।
पश्चिम एशिया के देशों ने डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से अधिक वित्तीय लेनदेन के महत्व पर जोर दिया है। चौथे भारत-पश्चिम एशिया संवाद के संयुक्त वक्तव्य में इन देशों ने व्यापार बढ़ाने, निवेश और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर-बैंक सम्बंधों तथा राष्ट्रीय मुद्रा व्यापार बढ़ाने का आह्वान किया।
वित्तीय और बैंकिंग सम्बंधों की महत्वपूर्ण भूमिका की पहचान करते हुए इन देशों ने भारत और पश्चिम एशियाई भागीदारों के बीच बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन को मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का प्रस्ताव किया ।
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने पहलगाम में आतंकवादी हमले की कडी निंदा की और सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की । उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवादी घटनाओं के अपराधियों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
भारत और पश्चिम एशियाई भागीदारों ने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वैश्विक आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों, वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल-एफएटीएफ मानकों को पूरी तरह से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।