आज दुनिया भर से लाखों मुसलमान मक्का के पास अराफात के मैदान में वुकूफ-ए-अराफात के प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए, जो वार्षिक हज यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है। यह हज यात्रा के आध्यात्मिक शिखर को चिह्नित करता है।
ज़ु-अल-हज्जा के नौवें दिन मनाया जाने वाला अराफात दिवस हज यात्रा के अनुभव की परिणति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें हजयात्री दोपहर से सूर्यास्त तक उस स्थान पर एकत्र होते हैं, जहां मान्यता के अनुसार पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। इस्लामी परंपरा में यह रस्म इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे न करने पर पूरी हज यात्रा अमान्य हो जाती है।
भारतीय हजयात्री आज विशाल अंतरराष्ट्रीय सभा में शामिल हुए। जेद्दा में भारत के महावाणिज्यदूत फहद सूरी ने अराफात से पुष्टि की है कि सभी भारतीय हजयात्री पवित्र स्थल पर सुरक्षित रूप से पहुंच गए हैं। भारतीय हज मिशन ने अराफात में उनके प्रारंभिक व्यवस्थाओं से लेकर मुजदलिफा और मीना की उनकी आगे की योजनाबद्ध यात्रा के दौरान हजयात्रियों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ बातचीत की।