भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने वित्त वर्ष 2024-25 में चौदह करोड़ 55 लाख टन का मालवहन रिकॉर्ड दर्ज किया है। कोयला, लौह अयस्क, लौह अयस्क चूर्ण, रेत और फ्लाई ऐश जैसी प्रमुख वस्तुओं की माल ढुलाई का हिस्सा 68 प्रतिशत से अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल रोजगार मेला के अवसर पर नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा किपत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 से बढ़कर 111 हो गई है, जबकि परिचालन दूरी 2 हजार 716 किलोमीटर से बढ़कर 4 हजार 894 किमी हो गई है।
सरकार की नई जलवाहक योजना एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 सहित प्रमुख मार्गों पर कार्गो मालिकों और अनुसूचित सेवाओं के लिए 35 प्रतिशत परिचालन लागत प्रोत्साहन प्रदान करती है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का लक्ष्य अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के माध्यम से माल ढुलाई के मॉडल हिस्से को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना तथा समुद्री भारत विजन 2030 के अनुरूप यातायात की मात्रा को 20 करोड मीट्रिक टन से अधिक करना तथा समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुसार 2047 तक यातायात की मात्रा को 50 करोड मीट्रिक टन से अधिक करना है।