प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन अप्रैल को थाईलैंड की दो दिन की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव जयदीप मजूमदार ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।
श्री मजूमदार ने कहा कि भारत और थाईलैंड के बीच सदियों से सभ्यतागत, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाईलैंड भारत का पड़ोसी देश है। देश की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद प्रशांत क्षेत्र एवं विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 15 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है, जिसमें भारत, थाईलैंड को लगभग 5 अरब डॉलर का निर्यात करता है और लगभग 10 अरब डॉलर का आयात करता है।
श्री मजूमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री की आगामी यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ करेगी। यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री का थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का कार्यक्रम है। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे और भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक गति देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे तथा क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उनकी मौजूदगी में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। प्रधानमंत्री का थाईलैंड के नरेश राम दशम और महारानी से भी भेंट करने की संभावना है। श्री मजूमदार ने कहा कि इस बार के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का विषय “समृद्ध, लचीला और मुक्त बिम्सटेक” है। उन्होंने कहा कि चार अप्रैल के शिखर सम्मेलन से पहले बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में बैंकॉक विजन 2030 को अपनाया जाएगा और बिम्सटेक के भविष्य की दिशा तय करने के लिए बिम्सटेक के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह की रिपोर्ट का भी अनुमोदन किया जाएगा।
श्री मजूमदार ने कहा कि बिम्सटेक में भारत का ध्यान संस्था और क्षमता निर्माण, सुरक्षा को मजबूत करने और संपर्क बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में कई समझौते और घोषणाएं भी होने की संभावना है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर चार से छह अप्रैल तक श्रीलंका की यात्रा पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीलंका, भारत की पड़ोसी पहले नीति का अभिन्न अंग है और यह संबंध समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ चर्चा करेंगे। दोनों नेता श्रीलंका में भारतीय सहायता से बनाई जा रही कई परियोजनाओं को समर्पित करेंगे। वे ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के भी साक्षी बनेंगे। दोनों नेता सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना के वर्चुअल शिलान्यास के अवसर पर भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री कोलंबो में अपने प्रवास के दौरान कई अन्य नेताओं से भी मिलेंगे।
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगे। छह अप्रैल को दोनों नेता ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा जाएंगे और जया श्री महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। दोनों नेता अनुराधापुरा में भारत द्वारा सहायता प्राप्त दो परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।