प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वामित्व योजना के अंतर्गत वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से संपत्ति मालिकों को 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। ये कार्ड दस राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 50 हजार से अधिक गांवों में वितरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस कदम को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना लागू होने के बाद से पिछले पांच वर्षों में दो करोड़ 25 लाख से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज जारी किए जा चुके हैं। श्री मोदी ने कहा कि संपत्ति के उचित दस्तावेज न होना एक बड़ी समस्या है और इसके कारण ही विवाद पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि संपत्तियों के उचित दस्तावेज की वजह से मालिकों को बैंकों से आसानी से ऋण मिल जाएगा और अवैध अतिक्रमण पर भी रोक लगेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संपत्ति के दस्तावेजों से देश में करोड़ों रूपए की आर्थिक संभावनाओं के अवसर पैदा होंगे, जिससे लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। श्री मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकास का मुख्य आधार बनाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जमीनों के रिकॉर्डों का डिजिटलीकरण कर रही है और अब तक 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। श्री मोदी कहा कि पिछले सात से आठ वर्षों में देश में 98 प्रतिशत जमीनों के रिकॉर्ड डिजिटल किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि संपत्ति के अधिकार उपलब्ध होने से ग्राम पंचायतों की समस्याओं का समाधान होगा और वे भी वित्तीय रूप से सशक्त बन पाएंगी। उन्होंने कहा कि संपत्ति के वैध दस्तावेज होने से आपदा के मामलों में उचित दावा भी मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण उनकी सरकार की प्राथमिकता है और महिलाओं को हर प्रमुख योजना के केंद्र में रखा जाता है।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में दो करोड़ 50 लाख से अधिक परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं और उज्ज्वला योजना के माध्यम से 10 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन मिले हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 12 करोड़ से अधिक पानी के कनेक्शन दिए गए हैं और 50 करोड़ से अधिक लोगों ने बैंकों में खाते खोले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लाख 50 हजार से अधिक आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश गांवों में हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में दो लाख पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ा गया है।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में संपत्ति के मालिकों को मालिकाना हक प्रदान करना है। स्वामित्व योजना 2020 में शुरू की गई थी और इसके लिए सभी संपत्तियों का अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया था।
यह योजना संपत्ति के मुद्रीकरण की सुविधा प्रदान करती है और बैंक ऋण के माध्यम से संस्थागत ऋण तक लोगों की पहुंच को सुगम्य बनाने के साथ-साथ संपत्ति से जुडे विवादों को कम करती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के बेहतर मूल्यांकन और संपत्ति कर संग्रहण में भी मदद मिलती है। अब तक तीन लाख 17 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन से सर्वेक्षण पूरा होने के साथ योजना का 92 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। पुद्दुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में यह योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी ड्रोन से सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।