प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में कर्मयोगी सप्ताह- राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी के जरिए ऐसे मानव संसाधन सृजित करना है जो हमारे देश के विकास की प्रेरक शक्ति बन सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह के दौरान नए शिक्षण और अनुभवों से प्राप्त शक्ति से कार्य प्रणाली मे सुधार आएगा और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षो में सरकार की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए उपायो की भी चर्चा की, जिनका प्रभाव लोग आज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में काम कर रहे लोगों के प्रयासों और मिशन कर्मयोगी जैसे कदमों से यह संभव हो पाया है।
श्री मोदी ने सुझाव दिया कि लोक सेवकों को नवीनतम प्रौद्योगिकी की जानकारी रखनी चाहिए ताकि नए मानदंड हासिल किए जा सके। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी इस दिशा में मददगार साबित होगा।
प्रधानमंत्री ने आईजीओटी प्लेटफार्म की भी सराहना की और कहा कि 40 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी इस प्लेटफार्म पर पंजीकृत हैं। मिशन कर्मयोगी सितम्बर 2020 में शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य वैश्विक परिप्रेक्ष्य में, सिविल सेवा के, भारतीय लोकाचार में निहित भावी लक्ष्य हासिल करना है।